बरेली : बेसिक शिक्षा विभाग के मृतक आश्रित ग्रेजुएट चतुर्थ श्रेणी
कर्मचारियों को लंबी लड़ाई और धैर्य के बाद सुखद नतीजा मिल गया। ऐसे सभी
कर्मचारियों को जल्द बेसिक शिक्षक बनने का मौका मिलेगा। इस संबंध में शासन
की अक्टूबर में ही मंजूरी मिल गई थी, लेकिन देरी से मिले पत्र की वजह से
कर्मचारी आचार संहिता के खौफ में रहे।
अब पत्र जब कई हाथों में पहुंच गया
तो बात भी खुल गई। मृतक आश्रित चतुर्थ श्रेणी ग्रेजुएट कर्मचारियों की
शिक्षक बनाने की मांग करीब दस साल पहले शुरू हुई। इसके लिए पोस्टकार्ड
अभियान चलाया, शिक्षक संघों और दो दर्जन से ज्यादा विधायकों का लिखित
समर्थन भेजा। बात नहीं बनी तो लखनऊ में कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया। इस
मामले ने तब और जोर पकड़ा जब शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण देने को मंजूरी
मिली। 31 अक्टूबर 2011 को विशेष सचिव डीके सिंह ने बेसिक शिक्षा निदेशक को
शासन की मंजूरी का पत्र जारी किया। इसमें कहा गया है कि मृतक आश्रित कोटे
के अंतर्गत कार्यरत स्नातक परिचारकों को नौ महीने का विशेष प्रशिक्षण देकर
शिक्षक बनाया जाए। इससे पहले बेसिक शिक्षा निदेशालय ने 9 अक्टूबर को इस
संबंध में शासन से निर्देश लेने को भेजे गए पत्र का भी हवाला दिया गया।
बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी एसोसिएशन के जिलामंत्री प्रवेश कुमार पांडे ने
शासन के इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि इंटरमीडिएट कर्मियों को भी
पदोन्नति कर लिपिक बनाए जाए।
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