जयपुर : राजस्थान के
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने अध्यापक पात्रता
परीक्षा [टीईटी] में अनुसूचित क्षेत्र के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम
प्राप्तांक 36 प्रतिशत करने के साथ अनुसूचित क्षेत्र के सभी छात्रावासों
में छात्रों की संख्या बढ़ाने की जरूरत की बात कही है।
मालवीय गुरुवार को यहां राजस्थान अनुसूचित जनजाति परामर्शदात्री परिषद के बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मालवीय गुरुवार को यहां राजस्थान अनुसूचित जनजाति परामर्शदात्री परिषद के बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वनाधिकार अधिनियम के तहत मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप राज्य के करीब 60-65 हजार लोगों को अधिकार पत्र देने थे। उन्होंने कहा कि अभी तक इसमें 50 प्रतिशत सफलता प्राप्त की है एवं शेष पात्र लोगों को अधिकार पत्र देने के लिए हमें हरसंभव कोशिश करनी होगी।
उन्होंने शेष रहे लोगों को अधिकार पत्र देने के लिए शीघ्र ही जनजाति उपयोजना एवं वन विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक करने के निर्देश दिए।
विधायकों द्वारा वनाधिकार अधिनियम के तहत जारी अधिकार पत्रों में विसंगति बताने पर मालवीया ने कहा कि यदि पट्टा दिया गया है तो उस पर काश्तकार खेती के साथ वह सब कुछ करने का अधिकार रखता है जो अपने खेत में कर सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो काश्तकार वनाधिकार अधिनियम के तहत पात्र है उन्हें पट्टे दे दिए जाने चाहिए ताकि जंगलों को बचाने में आदिवासी भी अपने क्षेत्रों में पूरा सहयोग कर सके।
बैठक में सर्व सम्मति से अध्यापक पात्रता परीक्षा में अनुसूचित क्षेत्र के जनजाति अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम प्राप्तांक 36 प्रतिशत करने, जिन छात्रावासों में 50 वहां 100 तथा जहां 100 छात्रों की संख्या है वहां बढ़ाकर 150 करने, माडा क्षेत्र की 65 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं को स्कूटी देने, टीएसपी क्षेत्र में 45 प्रतिशत पदों पर भर्ती उस क्षेत्र के जनजाति वर्ग, पांच प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं शेष 50 प्रतिशत पदों पर भर्ती वहां के सामान्य व अन्य पिछडे़ वर्ग से करने एवं राज्य के कुल बजट की 13 प्रतिशत राशि केवल अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में ही खर्च करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव सीके मैथ्यू ने स्पष्ट किया कि बजट में यह प्रावधान किया जाएगा कि अनुसूचित जनजाति क्षेत्र मद के लिए जो बजट आवंटित होगा उसका उपयोग केवल जनजाति विकास के लिए ही किया जा सकेगा।
प्रमुख शासन सचिव जनजाति विकास विभाग मनोहर कान्त ने स्पष्ट किया कि आगामी बजट में 13 प्रतिशत बजट जनजाति क्षेत्र के लिए ही आवंटित होगा तथा ऐसे प्रावधान किए जा रहे हैं जिनसे आवंटित राशि किसी दूसरे मद में खर्च नहीं की जा सकेगी।
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