इलाहाबाद : चुनावी
व्यस्तता के कारण शिक्षामित्रों की परीक्षा अधर में लटक गई है। स्थिति यह
है कि जो परीक्षा जनवरी माह में होनी थी, अब तक उसका फार्म तक नहीं भराया
जा सका है। परीक्षा कब से शुरू होगी, इसके बारे में कोई भी अधिकारी बोलने
को तैयार नहीं है। वहीं चुनाव के कारण शिक्षामित्रों की ट्रेनिंग भी रोक
दी गई है। इससे शिक्षामित्रों में असमंजस की स्थिति है, क्योंकि
कुछ दिनों बाद बच्चों की परीक्षा का समय आ जाएगा फिर सब उसमें व्यस्त हो
जाएंगे। इसको देखते हुए शिक्षामित्र ट्रेनिंग के बहिष्कार की योजना बना
रहे हैं। बेसिक स्कूलों में कार्यरत स्नातक शिक्षामित्रों को नियमित करने
के लिए शासन ने जुलाई माह में दो साल की ट्रेनिंग देने की योजना शुरू की।
इसके लिए प्रदेश के एक लाख 24 हजार शिक्षामित्रों का चयन हुआ।
संख्या
अधिक होने के कारण ट्रेनिंग को दो चरणों में कराने की योजना बनी। पहले
चरण में 62 हजार शिक्षामित्रों को प्रदेश के हर ब्लाक संसाधन केंद्रों में
ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें उन्हें बच्चों को पढ़ाने के साथ उनसे
बातचीत एवं व्यवहार में बदलाव लाने की सीख दी जा रही है। इसकी परीक्षा
जनवरी माह में होनी थी। उसमें मिलने वाले अंक के आधार पर ही शिक्षामित्रों
को आगे बढ़ाया जाएगा। परंतु चुनावी व्यस्तता के कारण अभी तक परीक्षा का
फार्म भी नहीं भराया गया। अधिकतर कर्मचारियों के चुनाव ड्यूटी में लगने के
कारण ट्रेनिंग भी रोक दी गई है। इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी
कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
1 comment:
sarkakar ko koi sahi kadam uthana hi chahiye jisase shikshamitra teachers ka samay barbaad n ho...
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