22 February 2012

Latest TGT/PGT News : इलाहाबाद : टीजीटी लिखित परीक्षा में फेल, इंटरव्यू में पास - माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के नतीजों में फर्जीवाड़ा

माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के नतीजों में फर्जीवाड़ा
 
इलाहाबाद। टीईटी घोटाले की आंच अभी धीमी नहीं पड़ी और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के चयन परिणाम में फर्जीवाड़ा सामने आ गया। तीन दिन पहले जारी टीजीटी सामाजिक विज्ञान के परिणाम में कई ऐसे अभ्यर्थियों को चयनित घोषित कर दिया गया है जो लिखित परीक्षा में फेल हैं। फेल होने के बाद न सिर्फ उन्हें इंटरव्यू में शामिल दिखाया गया बल्कि सफल अभ्यर्थियों की सूची में उनके रोलनंबर, नाम अंकित हैं। लिखित परीक्षा में फेल होने के बाद इंटरव्यू में चयनित होने वालों में एक सदस्य का बेटा भी है। परिणाम जारी होने के बाद दूसरे दिन ही अभ्यर्थियों ने आपत्ति की लेकिन अधिकारियों ने उसे अनसुना कर दिया। परिणाम में गड़बड़ी के खिलाफ अभ्यर्थियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर ली है।

चयन बोर्ड के नतीजों में गड़बड़ी करने वालों में कई बड़े अधिकारियों का नाम भी सामने आ रहा है। आरोप है कि दो सदस्यों पर दबाव बनाकर अधिकारियों ने परिणाम में गड़बड़ी कराई। गड़बड़ी केवल सामाजिक विज्ञान के नतीजों में ही नहीं है। कला और जीवविज्ञान विषयों के नतीजों में भी घालमेल है।

चयन बोर्ड की तरफ से पूर्व में जारी तीन और परिणामों को लेकर गड़बड़ी की शिकायतें हो चुकी हैं, जिसकी जांच के बाद कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। दो नतीजों में भारी फर्जीवाड़े का मामला कोर्ट तक पहुंचा था। कोर्ट के हस्तक्षेप पर पास हो चुके कई अभ्यर्थियों को फेल माना गया जबकि कई फेल अभ्यर्थी पास हो गए। इस बार जो गड़बड़ियां दिख रही हैं, उससे साफ है कि सामाजिक विज्ञान के परिणाम में सामान्य श्रेणी में छह और पिछड़ी जाति में चयनित कुछ अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके अनुक्रमांक आयोग की ओर से जारी लिखित परीक्षा केपरिणाम में शामिल नहीं हैं। मसलन चयन बोर्ड की ओर से सामान्य श्रेणी के परिणाम में क्रम संख्या 11, 30, 101, 118, 155, 176 के साथ पिछड़ी जाति में से क्रम संख्या 100 पर चयनित अभ्यर्थी का अनुक्रमांक चयन बोर्ड की ओर से जारी लिखित परीक्षा के परिणाम में नहीं है। साक्षात्कार में शामिल संजय, अनिल, मनीषा सहित कई अभ्यर्थियों का आरोप लगाया है कि यह फर्जीवाड़ा तो सामान्य जांच में सामने आ गया है। अन्य विषयाें के परिणाम की भी जांच होनी चाहिए। फर्जीवाड़े पर टिप्पणी के लिए चयन बोर्ड के अध्यक्ष और सचिव से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनके मोबाइल ऑफ मिले।

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