इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा में बोर्ड की किरकिरी होने के बाद
माध्यमिक शिक्षा विभाग अब यूपी बोर्ड परीक्षा में अतिरिक्त सावधानी बरत रहा
है। यही कारण है कि बैठकों का दौर जारी है। शनिवार
को बोर्ड दफ्तर में बैठक लेने के बाद अब तीन मार्च को फिर बोर्ड में
निदेशक माध्यमिक शिक्षा बैठक लेंगे। इस बार बैठक में प्रदेश के सभी संयुक्त
शिक्षा निदेशकों को भी उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं।
माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 13 नवंबर को ली गई शिक्षक पात्रता परीक्षा में शुरू से ही विवाद और गड़बड़ियों के बाद हुई फजीहत ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को फूंक-फूंककर कदम रखने को मजबूर कर दिया है। टीईटी में किरकिरी होने के बाद अब हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा सकुशल संपन्न कराना चुनौती बन गई है। यही कारण है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग बोर्ड परीक्षा की तैयारियों की गहन समीक्षा कर रहा है। नए निदेशक सीपी तिवारी खुद बोर्ड परीक्षा की तैयारियों पर कड़ी निगाह रखे हुए हैं। शनिवार को उन्होंने बोर्ड परीक्षा से जुड़े अधिकारियों और बाबुओं के साथ बैठक की थी। प्रवेश पत्रों, डेस्ट स्लिप, पेपर-कॉपी व अटेंडेंस शीट आदि की समय से उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए थे। निर्देशों की तामील हुई या नहीं इसी को लेकर निदेशक अब तीन मार्च को समीक्षा बैठक करेंगे। इस बैठक में बोर्ड के अधिकारियों के अलावा संयुक्त शिक्षा निदेशकों को भी उपस्थित रहने को कहा गया है।
निदेशक ने सभी संयुक्त शिक्षा निदेशकों व क्षेत्रीय सचिवों को बोर्ड परीक्षा की तैयारियों की समय-समय पर समीक्षा करने व तैयारियों का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक सचिव का एक सप्ताह से बोर्ड दफ्तर में न बैठने से बोर्ड परीक्षा की तैयारियां अब प्रभावित होने लगी हैं। सचिव के भी टीईटी में धन उगाही में शामिल होने के संकेत मिलने के बाद रमाबाईनगर पुलिस उनकी तलाश कर रही है। यही कारण है कि वह बोर्ड दफ्तर में नहीं बैठ रही हैं। शासन ने अभी सचिव का कार्यभार भी नहीं सौंपा है। ऐसे में वित्तीय कार्य प्रभावित होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। यही कारण है कि निदेशक खुद तैयारियों का जायजा ले रहे हैं।
No comments:
Post a Comment