इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता
परीक्षा (टीईटी) में अभ्यर्थियों से वसूली के मामले में पूछताछ के बाद
माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्व निदेशक संजय मोहन ने कुछ और अधिकारियों के
नाम लिए हैं। पूछताछ में पूर्व निदेशक संजय मोहन के इलाहाबाद में भी कुछ
अधिकारियों के बहती गंगा में हाथ धोने के संकेत देने के बाद हड़कंप मच गया
है। इस खुलासे के बाद कुछ अधिकारियों का नपना तय माना जा रहा है। शनिवार
को रमाबाई नगर पुलिस के बोर्ड दफ्तर आने और पूछताछ करने के बाद जांच की
आंच यूपी बोर्ड समेत कई क्षेत्रीय कार्यालयों पर भी पड़नी तय मानी जा रही
है।
शनिवार को माध्यमिक शिक्षा के नए निदेशक सीपी तिवारी ने बोर्ड परीक्षा की तैयारियों के लिए समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक में बोर्ड व क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में सचिव की गैर मौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए। बैठक में कानाफूसी हुई। वह कई दिनों से बोर्ड कार्यालय नहीं आ रही हैं। सचिव कहां हैं, अवकाश पर हैं या लखनऊ में हैं इस बाबत कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। फिलहाल सचिव की अनुपस्थिति को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। टीईटी प्रकरण के बाद से उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ जा रहा है। इन सबके बीच यूपी बोर्ड दफ्तर में सचिव के न रहने से सचिव स्तर के कई काम फंसे हुए हैं। खासतौर पर वित्तीय।
ज्ञातव्य है कि अभ्यर्थियों से वसूली के मामले में पुलिस ने कोर्ट से वारंट लेकर संजय मोहन को सात फरवरी को लखनऊ में उनके आवास से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने 35 लाख रुपये बरामद कराने व रैकेट में शामिल अन्य लोगों के बाबत पूछताछ करने के लिए कोर्ट से रिमांड मांगा था। कोर्ट ने 16 फरवरी को रिमांड का आदेश किया था। सूत्रों के मुताबिक संजय मोहन ने पूछताछ में टीईटी रैकेट से जुड़े कुछ और अफसरों की संलिप्तता के बाबत महत्वपूर्ण जानकारी दी है।
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