कानपुर : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में हुए घोटाले में गिरफ्तार
माध्यमिक शिक्षा परिषद के निलंबित निदेशक संजय मोहन से 35 लाखकी बरामदगी के
लिए रिमांड पर लेने कोपुलिस द्वारा दायर याचिका को जिला जज रमाबाई नगर अली
जामिन ने स्वीकार करते हुए दो दिन के रिमांड पर निदेशकको पुलिस हिरासत में
देने के आदेश दिए। निदेशक का अधिवक्ता साथ रहेगा। पूछताछ में बड़े
अधिकारियों की संलिप्तता के खुलासे की संभावना है।टीईटी परीक्षा में हुए
करोड़ों के घोटाले में निलंबित निदेशक को अकबरपुर पुलिस ने 7 फरवरी को लखनऊ
से गिरफ्तार कर 8 फरवरी को रमाबाई नगर की अदालत में पेश किया।
अदालत
नेनिदेशक संजय को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। मामले की जांच में पुलिस
को पता चला कि संजय के कब्जे में करीब अभी भी 35 लाख रुपये हैं जो कि कहीं
छिपाए हैं। इसकी बरामदगी के लिए अकबरपुर पुलिस ने श्री मोहन को रिमांड पर
लेने के लिए ग्जिला जज की अदालत में गुहार लगायी। याचिका में कहा गया आरोपी
के कब्जे में 35 लाख रुपये है इसकी बरामदगी जरूरी है। घोटाले में लिप्त
अन्य अधिकारियों की संलिप्तता के सबूत भीआरोपी के पास हैं। इसके लिए रिमांड
जरूरी है।
आरोपी के अधिवक्ता ने निदेशक के साथ रहने की याचिका दायर
की।शासकीय अधिवक्ता शम्भूनाथ यादव ने कोर्ट के समक्ष हाईकोर्ट की रूलिंग
देते हुए कहा आरोपी पक्ष को नहीं सुनना चाहिए। विपक्षी वकील ने सुप्रीम
कोर्ट की दलील देते हुए कहा आरोपी के साथ वकील का रहना वैध है। कोर्ट ने
निदेशक को पुलिस रिमांड पर देने का आदेश देते हुए कहा श्री मोहनपुलिस की
हिरासत में 17 फरवरी की शाम से 18 फरवरी की शाम तक रहेंगे। इस दौरान
अधिवक्ता भी रह सकता है। अदालत ने जमानत की सुनवाई के लिए 18फरवरी को आख्या
प्रस्तुत करने के लिए अकबरपुर पुलिस को आदेश दिया है। टीईटी घोटाला कांड
17 से 18 की शाम तक निदेशक रहेंगे पुलिस हिरासत में
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