इलाहाबाद : शिक्षक
पात्रता परीक्षा में धांधली के आरोप में भले ही माध्यमिक शिक्षा परिषद के
सभापति संजय मोहन गिरफ्तार हो गए हों, कई और अधिकारी जांच के दायरे में हों
पर टीईटी में सफल अभ्यर्थी किसी भी हालत में इसे रद नहीं होने देना चाहते।
यही कारण है कि टीईटी पास अभ्यर्थियों ने लामबंदी तेज कर दी है। अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि यदि टीईटी निरस्त की गई तो पांच लाख छात्र सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे। फिलहाल लाखों वोट देख टीईटी पर राजनीति भी शुरू हो गई है।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने टीईटी अभ्यर्थियों के साथ न्याय होने और टीईटी को मेरिट का आधार न बनाए जाने का आश्वासन दिया है तो वहीं दूसरी बसपा ने भी इसे अंजाम तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है। गुरुवार को टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने बसपा की रैली में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर टीईटी को किसी भी हालत में निरस्त न करने का अनुरोध किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि कुछ विरोधी पार्टियां व असामाजिक तत्व टीईटी चयन प्रक्रिया के बारे में भ्रम फैला रहे हैं।
टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष विवेकानंद ने कहा कि इस परीक्षा में आठ लाख से अधिक अभ्यर्थी फेल हो गए हैं। यही अभ्यर्थी परीक्षा को निरस्त कराकर फिर से मौका हासिल करना चाहते हैं। यही कारण है कि तरह-तरह के भ्रम व आरोप लगाए जा रहे हैं। महामंत्री प्रियंका साहू का कहना है कि अगर दोबारा परीक्षा कराई गई तो भी क्या गारंटी कि परीक्षा की शुचिता बरकरार रहेगी। परीक्षा कराने से बीएड करने वाले अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिलेगा, यह उनके साथ अन्याय होगा।
दूसरी तरफ टीईटी में असफल अभ्यर्थी इस परीक्षा में धांधली और भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर इस परीक्षा को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।
No comments:
Post a Comment