मेरठ : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा(टीईटी) पास करके बेसिक स्कूलों में शिक्षक बनने का मामला अधर में लटक सकता है। परीक्षा कराने वाले बोर्ड के मुखिया माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय
मोहन के परीक्षा में संलिप्तता के आधार हुई गिरफ्तारी से सारी प्रक्रिया
संदेश के घेरे में आ गई है। इससे टीईटी की परीक्षा के भविष्य पर सवाल उठने
लगा है।
टीईटी की परीक्षा से लेकर परिणाम घोषित होने तक स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। हर मंडल में अभ्यर्थियों के नंबर में गड़बड़ी का अंबार लग गया। मजबूरी में इलाहाबाद माध्यमिक शिक्षा परिषद को दो बार संशोधित
प्राइमरी स्तर के प्रमाण पत्र बांटे जा चुके हैं, अपर प्राइमरी के प्रमाण पत्र 13 फरवरी से बांटे जाएंगे। ऐसे समय जब टीईटी का प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद अभ्यर्थी शिक्षक बनने का सपना देख रहे थे, उस समय टीईटी परीक्षा में माध्यमिक निदेशक की संलिप्ता से टीईटी की पूरी प्रक्रिया ही संदेह के घेरे में आ गई है। टीईटी के भविष्य पर एक बार फिर से संकट के बादल गहराने लगा है।
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