कानपुर : कई कोणों से संदिग्ध हो चुकी टीईटी
पर सवाल दर सवाल उठाये जा रहे हैं। संदिग्ध परीक्षा की मेरिट को निरस्त
करने, मेरिट से की जा रहीं नियुक्तियों को तुरंत रोक देने तथा पूरी परीक्षा
प्रक्रिया की जांच कराने की मांग की जा रही है।
टीईटी के कथित घपले के आरोप में परीक्षा कराने के लिए जिम्मेदार निदेशक की गिरफ्तारी के बाद यह मांग तेज हो गयी है कि संदिग्ध मेरिट वाली परीक्षा निरस्त कर दी जानी चाहिए। चयन से वंचित रह गये अभ्यर्थी कहते हैं कि यूपी बोर्ड द्वारा जिस तरह से मेरिट में आधा दर्जन बार संशोधन किये गये, घपलेबाजों की गिरफ्तारियां हुईं,
उसके चलते परीक्षा पूरी तरह अविश्वसनीय हो गयी है।
इसी पात्रता परीक्षा की मेरिट से सीधे नौकरी देना युवाओं के साथ धोखा और
घपलेबाजी को संरक्षण देना होगा। वैसे भी इंटरमीडिएट एक्ट के प्रावधानों के
अनुसार यूपी बोर्ड को बोर्ड परीक्षा कराने के अलावा अन्य कोई परीक्षा कराने
का अधिकार ही नहीं है। कुछ मामले भी न्यायालय में विचाराधीन है। इसलिए जांच पूरी होने तक टीईटी के प्रमाणपत्रों के वितरण से लेकर नियुक्ति तक की पूरी प्रक्रिया रोक दी जानी चाहिए। टीईटी के कथित घपले के आरोप में परीक्षा कराने के लिए जिम्मेदार निदेशक की गिरफ्तारी के बाद यह मांग तेज हो गयी है कि संदिग्ध मेरिट वाली परीक्षा निरस्त कर दी जानी चाहिए। चयन से वंचित रह गये अभ्यर्थी कहते हैं कि यूपी बोर्ड द्वारा जिस तरह से मेरिट में आधा दर्जन बार संशोधन किये गये, घपलेबाजों की गिरफ्तारियां हुईं,
पहले भी कहा था कि पूरी
टीईटी परीक्षा संदिग्ध है। निदेशक की गिरफ्तारी के बाद तो इस पर मुहर ही लग
गयी है। परीक्षा प्रदेश के लाखों युवाओं के साथ शर्मनाक खिलवाड़ है। इससे
हो रहीं नियुक्तियां तुरंत रोक दी जानी चाहिए।
- ओम प्रकाश शर्मा, नेता विधायक दल, विधान परिषद
- ओम प्रकाश शर्मा, नेता विधायक दल, विधान परिषद
'टीईटी में नकल माफियाओं
तथा निदेशक की गिरफ्तारी, प्रश्न के उत्तरों में त्रुटियां, मेरिट में
बार-बार संशोधन। हर पहलू में छेद ही छेद हैं। लाखों युवाओं के भविष्य से
खिलवाड़ न हो इसलिए परीक्षा निरस्त होनी चाहिए।'
- डॉ. एलपी पांडे, पूर्व निदेशक माध्यमिक शिक्षा
- डॉ. एलपी पांडे, पूर्व निदेशक माध्यमिक शिक्षा
किसी भी पात्रता परीक्षा
से नियुक्ति नहीं दी जा सकती। जैसे डिग्री की पात्रता परीक्षा नेट
नियुक्ति का अधिकार नहीं देता। नियुक्ति के लिए एक पारदर्शी, पक्षपात रहित,
वस्तुनिष्ठ प्रक्रिया अपनानी होती है। टीईटी मात्र पात्रता तय करती है।
परीक्षा पर संदेह भी पैदा हो गया है। ऐसे में यदि एनसीटीई को कोई शिकायत
मिलेगी तो वह हस्तक्षेप कर सकती है।
- प्रो. जेके जोशी, सदस्य एनसीटीई
- प्रो. जेके जोशी, सदस्य एनसीटीई
परीक्षा संदिग्ध हो गयी है। जांच के बाद ही सच्चाई सामने आयेगी। तब तक के लिए नियुक्तियों की प्रक्रिया रोक दी जानी चाहिए।
- राजबहादुर सिंह चंदेल, एमएलसी
- राजबहादुर सिंह चंदेल, एमएलसी
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