लखनऊ : टीईटी के रिजल्ट में संशोधन के नाम पर करोड़ों के वारे-न्यारे के आरोप में जेल भेजे गए माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। बेनामी संपत्तियों का पता लगाने में जुटी पुलिस ने संजय की परिसंपत्तियों की अन्य एजेंसी से जांच कराने की सिफारिश की है। जबकि घोटाले की तफ्तीश रमाबाई नगर की पुलिस के पास रहेगी।
रमाबाई नगर के एसपी सुभाष चंद्र दुबे ने बताया कि शनिवार को छापामारी के दौरान हजरतगंज में फ्लैट की जानकारी हुई। इसके अलावा भी बेनामी संपत्तियों के बारे में पता चला है।
इसे गंभीरता से लेते हुए संजय मोहन की परिसंपत्तियों की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्लू), भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) या सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) से कराने के लिए पुलिस महानिदेशक से सिफारिश की है। टीईटी घोटाले की तफ्तीश इससे अलग है। यह तफ्तीश रमाबाईनगर पुलिस द्वारा की जा रही है। तफ्तीश कर रही पुलिस टीम को साक्ष्य एकत्र करने के लिए सोमवार को कुछ खास स्थानों पर छापामारी के आदेश दिए गए हैं। माना जा रहा है कि इन स्थानों पर टीईटी में हुए करोड़ों के खेल की जानकारियों के साथ इससे जुड़े लोगों के बारे में भी सुराग लगेगा। इसके साथ ही, संजय मोहन को रिमांड पर लेने की अर्जी कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी।
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