इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा का परिणाम 25 नवंबर को घोषित कर दिया
गया था। इसके दो दिन बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा टीईटी परीक्षा में
पूछे गए प्रश्नों के सही जवाब भी नेट पर जारी कर दिए गए। बोर्ड द्वारा जारी
किए गए जवाब में अलग-अलग सीरीज की बुकलेट में पूछे गए एक ही प्रश्न के दो
विकल्प बताए जा रहे थे। ऐसे 13 प्रश्न थे। इस मामले की जानकारी होने के बाद
बोर्ड ने गुपचुप तरीके से उन प्रश्नों के विकल्पों को सही कर लिया। इसके
बाद अभ्यर्थियों ने कई प्रश्नों के विकल्पों पर आपत्ति दर्ज कराई, जिसे
पहले तो बोर्ड ने लेने से मना किया फिर बाद में आपत्तियां स्वीकार की गई।
इस तरह पांच बार 'आंसर की' में संशोधन किया गया। बाद में विकल्पों पर विवाद
बढ़ता देख बोर्ड ने टीईटी की वेबसाइट से आंसर की को ही हटा लिया। बाद में
क्या संशोधन किए गए यह किसी को नहीं पता। इसका अभ्यर्थियों ने विरोध किया
और हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर को सभी आपत्तियों का निस्तारण
करने के आदेश दिए। इसके बाद अभ्यर्थियों से 100 रुपये शुल्क लेकर आपत्तियां
मांगी गई। कुछ ही दिनों में 25 हजार से भी ऊपर आपत्तियां आ गई। इन
आपत्तियों को कितना सुधारा गया यह तो बोर्ड के अधिकारी ही जानें पर इतना तो
यह है कि अभी भी कई आपत्तियों पर विचाराधीन हैं।
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