कानपुर : उप्र. शिक्षक
पात्रता परीक्षा (टीईटी) में कथित घपले को लेकर माध्यमिक शिक्षा के
सर्वोच्च अधिकारी निदेशक संजय मोहन की गिरफ्तारी से प्रदेश भर के अधिकारी
सकते में हैं। रमाबाई नगर व उसके आसपास के जिलों में फैले टीईटी में मेरिट
दिलाने वाले रैकेट के तार शहर से भी जुड़े होने के संकेत मिले हैं। दैनिक
जागरण ने इस संदर्भ में परीक्षा के दूसरे दिन ही खबर छाप कर इशारा किया था।
टीईटी घपले में अब तक माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन सहित 12 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
टीईटी घपले में अब तक माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन सहित 12 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
लगभग एक करोड़ रुपया पकड़ा जा चुका है। 14 नवंबर को
कानपुर मंडल की परीक्षा शहर के केंद्रों पर हुई थी। घपला रमाबाई नगर में
पकड़ा गया जहां परीक्षा केंद्र नहीं थे। पकड़े गए रैकेट के सदस्यों ने आसपास
के जिलों के छात्रों से सर्वोच्च मेरिट दिलाने का लालच देकर पैसा वसूला।
उनके तार कई शहरों से जुड़े हैं। घपलेबाजों की पहुंच शहर तक होने से इंकार
नहीं किया जा सकता। 'दैनिक जागरण' ने इस संदर्भ में 15 नवंबर को 'टीईटी:
हाई मेरिट दिलाने का रेट चार लाख, बोर्ड अधिकारियों के नाम पर दलालों ने
शुरू की वसूली ' खबर छाप कर सावधान किया था। स्थानीय अधिकारी इस रैकेट में
भले ही शामिल न हों लेकिन उनकी नाक के नीचे बोर्ड के एक अधिकारी के नाम पर
जमकर वसूली होने के पुख्ता संकेत मिले थे। नगर के एक ही क्षेत्र में तीन
स्ववित्तपोषी कालेजों के परीक्षा केंद्रों पर भी संदेह जताया था। जानकार
सूत्रों का तो दावा है कि इन केंद्रों पर परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के
परिणाम की सघन जांच कराने पर बड़ी संख्या में हाई मेरिट पर चयनित अभ्यर्थी
मिलेंगे।
सीधे नियुक्ति से बढ़े रेट
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अनुमति बिना प्रदेश सरकार
द्वारा टीईटी की मेरिट से सीधे शिक्षक पदों पर नियुक्तियां करने की घोषणा
से इसकी मेरिट काफी कीमती हो गई थी। तमाम अभ्यर्थियों ने कैसे भी अच्छी
मेरिट लाने को रैकेट ने जो मांगा दे दिया।
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