नई दिल्ली । रेलवे एक बार फिर से सरकारी क्षेत्र में सबसे
बड़ा नियोक्ता बनने जा रहा है। अगले साल एक लाख लोगों को नौकरी देने का
उसका इरादा है। पिछले साल भी रेलवे ने अस्सी हजार लोगों को नौकरी दी।
रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने इस बार के रेल बजट में किराए-भाड़े में वृद्धि करके रेलवे की सेहत सुधारने के साथ ही दिन भर यात्रियों की सेवा में जुटे रहने वाले अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य सुधार पर भी विशेष ध्यान दिया है। इनके लिए वेलनेस प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। ऐसे में वह दिन दूर नहीं जब रनिंग स्टाफ केंद्रों पर भी फिटनेस उपकरण लगेंगे। इसके कर्मचारियों को ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी बीमारियों से बचाया जा सकेगा।
रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने इस बार के रेल बजट में किराए-भाड़े में वृद्धि करके रेलवे की सेहत सुधारने के साथ ही दिन भर यात्रियों की सेवा में जुटे रहने वाले अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य सुधार पर भी विशेष ध्यान दिया है। इनके लिए वेलनेस प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। ऐसे में वह दिन दूर नहीं जब रनिंग स्टाफ केंद्रों पर भी फिटनेस उपकरण लगेंगे। इसके कर्मचारियों को ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी बीमारियों से बचाया जा सकेगा।
रेलमंत्री ने साफ कर दिया है कि कुछ सालों से आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रही रेलवे की दशा भी सुधारी जाएगी। तमाम क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहे देश की रेल भी अब अपने को समय के साथ बदलेगी। यात्रियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा। कर्मचारियों की कमी से काम के दबाव के चलते होने वाली रेल दुर्घटनाओं के साथ कोई समझौता नहीं होगा। यही वजह है कि अगले साल रेलवे एक लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी देगा। पहली बार किसी रेल मंत्री ने कर्मचारियों को काम करने के लिए उचित माहौल देने की पहल की है।
रेलमंत्री ने बजट भाषण में साफ किया कि रेल कर्मचारी चौबीस घंटे सेवा के लिए उपलब्ध रहते हैं। अनवरत सेवा के कारण इन पर ब्लड प्रेसर, शुगर जैसी बीमारियों का जोखिम रहता है। शायद यही वजह है कि रेलमंत्री ने कर्मचारियों के स्वास्थ्य के लिए वैलनेस प्रोग्राम शुरू करने एलान किया है। इससे कर्मचारियों की सेहत तो ठीक होगी ही, रेलवे की भी हालत सुधरेगी, क्योंकि कम दबाव में रेलकर्मी गाड़ियों का संचालन बेहतर तरीके से कर सकेंगे।
रेलमंत्री ने यह भी साफ कर दिया है कि आठ घंटे से अधिक कर्मचारियों से काम न लिया जाए यह सुनिश्चित किया जाएगा। लोको पायलट, केबिन मैन, गैंग मैन और तकनीकी स्टाफ से मानवीय चूक की अधिक आशंका रहती है। इसलिए ऐसे कर्मचारियों के विश्राम की अवधि तय की जाएगी। रेलकर्मियों की गरिमा को बनाए रखने के लिए इस बार के बजट में समय समय पर इनको प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी की गई है।
रेल मंत्री ने अपने कर्मचारियों के गेटअप को भी बदलने का फैसला किया है। उन्होंने ड्राइवर, गार्ड व अन्य रेल कर्मियों के ड्रेस को आकर्षक बनाने का जिम्मा नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ डिजाइन को सौंपा है।
No comments:
Post a Comment