जयपुर.राज्य
में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मापदंड के
मुताबिक प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अभी 57 हजार से अधिक शिक्षकों की
आवश्यकता है। यह जानकारी बुधवार को शिक्षामंत्री बृजकिशोर शर्मा ने
विधानसभा में भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी के प्रश्न के लिखित जवाब में
दी।
मंत्री ने अवगत कराया कि राजकीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक
विद्यालयों में छात्र शिक्षक अनुपात के अनुसार कुल 2,78,098 अध्यापकों की
जरूरत होगी। वर्तमान में प्रबोधकों सहित 2,20,649 अध्यापक कार्यरत हैं।
वर्तमान में ही 57,449 अध्यापकों की अतिरिक्त आवश्यकता बनती है। उन्होंने
बताया कि इनमें से 41 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जारी
है। इन नवनियुक्त किए जाने वाले अध्यापकों पर अगले तीन सालों में करीब
2612.78 करोड़ रुपए की अनुमानित राशि की अतिरिक्त आवश्यकता होगी।
16 हजार का नामांकन नहीं :
जिले
में हुए चाइल्ड ट्रेकिंग सर्वे में 41,158 बच्चों की पहचान हुई थी। इनमें
24,580 बच्चों का ही नामांकन हुआ है। 16,578 बच्चों का नामांकन बाकी है।
विद्यालयों की हालत और होगी खराब :
भाजपा
विधायक वासुदेव देवनानी का कहना है कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब
तक करीब 55 हजार शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। अगर इनको भी शामिल किया
जाए तो करीब 1 लाख शिक्षकों की कमी प्रदेश में है। ऐसे में राज्य सरकार किस
प्रकार आरटीई को प्रभावी ढंग से लागू करेगी।
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