जयपुर : राजस्थान लोक सेवा आयोग ने कनिष्ठ लिपिक परीक्षा के तहत 17 मार्च
को हुई तीन सत्रों की परीक्षा में हिंदी का स्पीड टाइप टैस्ट दुबारा लेने
का फैसला किया। इस टैस्ट में बोर्ड पर मात्राएं सही नहीं होने और सॉफ्टवेयर
में गलतियों को लेकर कई स्थानों पर परीक्षार्थियों ने हंगामा कर परीक्षा
दुबारा लेने की मांग की थी। आयोग ने दावा किया कि रविवार को द्वितीय चरण के
तहत कंप्यूटर पर ऑनलाइन प्रायोगिक परीक्षा शांतिपूर्ण हुई।
आयोग के सचिव के.के. पाठक ने बताया कि शनिवार को हुई परीक्षा में 40 मिनट
की परीक्षा में 6 भाग होते हैं। इनमें से केवल एक भाग की दुबारा परीक्षा ली
जाएगी। इसकी समयावधि 10 मिनट होगी। पहले सत्र में ब्रीफिंग के अभाव में
परीक्षार्थियों को हुई असुविधा को ध्यान में रखते हुए इनकी प्रायोगिक
परीक्षा के अन्य भागों को दुबारा करने के संबंध में अलग से फैसला लेकर
सूचित किया जाएगा।
रविवार को कनिष्ठ लिपिक पद के दूसरे चरण के तहत परीक्षा में कोई गड़बड़ी
सामने नहीं आई। इस दौरान निर्धारित 5099 अभ्यर्थियों में से 3812 उपस्थित
हुए। परीक्षा में सॉफ्टवेयर को लेकर कोई परेशानी पैदा नहीं हुई।
जयपुर में सीतापुरा के पूर्णिमा कॉलेज सेंटर
में करीब पांच सौ छात्रों ने शिकायत की थी कि उन्हें जो सॉफ्टवेयर दिया गया
था, उसमें भारी कमियां थीं और कई मात्राएं नहीं लग रही थीं। परीक्षा के
बाद छात्रों ने नारेबाजी की और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया था।
कहां हुई थी चूक आयोग सचिव ने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा के लिए
अंतरराष्ट्रीय स्तर के सॉफ्टवेयर प्रयोग किए जाते हैं, लेकिन कंप्यूटर में
प्रयुक्त होने वाले हिंदी फोंट का कॉमन प्रोटोकॉल नहीं होने से कतिपय
परिस्थितियों में से कुछ वर्णो या मात्राओं के साथ सामंजस्य नहीं बैठ पाता।
इसके अलावा किसी विशेष कंप्यूटर सिस्टम पर डिस्प्ले सैटिंग सही नहीं होने
पर परीक्षार्थी इस सॉफ्टवेयर के साथ अन्य सॉफ्टवेयर गलती से चला देते हैं
अथवा त्रुटिवश बोर्ड पर कोई कमांड दबा देते हैं। आयोग की शुरुआती जांच में
पाया गया है कि ऑनलाइन के प्रयुक्त सॉफ्टवेयर पूर्णत: इम्पैक्ट थे।
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