इलाहाबाद । कार्यभार संभालने के 24 घंटे के भीतर नए निदेशक वासुदेव
ने निदेशालय में बड़ा फेरबदल कर दिया। कई मामलों में आरोपों से घिरे रहे
अपर निदेशक माध्यमिक अमरनाथ वर्मा को हटा दिया गया और एडी महिला पद पर
तैनात डॉ.प्रेमलता सिंह को एडी माध्यमिक का चार्ज सौंप दिया गया।
डॉ.प्रेमलता ने गुरुवार को ही कार्यभार संभाल लिया जबकि अमरनाथ वर्मा को
उनके मूल पद जेडी इलाहाबाद पर भेज दिया गया। जीजीआईसी प्रवक्ता चयन में
गंभीर अनियमितता के आरोपों के कारण अमरनाथ वर्मा पर यह कार्रवाई हुई।
इसके अलावा विभाग के ही कुछ अधिकारियों ने लिखित तौर पर उन पर टीईटी घोटाले में संजय मोहन का सहयोग करने के आरोप लगाए थे।
संयुक्त शिक्षा निदेशक अमरनाथ वर्मा 2007 में बसपा सरकार बनने पर चर्चा में आए थे। जून 2007 में हाईस्कूल का परिणाम घोषित होने के आधे घंटे बाद ही तत्कालीन सचिव वासुदेव यादव को हटाकर अमरनाथ वर्मा को बोर्ड सचिव बना दिया गया था। वह ज्यादा समय तक इस पद पर नहीं रह सके। बाद में माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन ने कई वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर उन्हें एडी माध्यमिक बना दिया।
जीजीआईसी में प्रवक्ताओं की सीधी भर्ती को लेकर एडी माध्यमिक पर अनियमितता के गंभीर आरोप लगे। बाद में टीईटी घोटाले में संजय मोहन के जेल जाने के बाद जब अन्य अफसरों के खिलाफ जांच शुरू हुई तो प्रभा त्रिपाठी के बाद विभागीय लोगों ने अमरनाथ वर्मा का भी नाम लिया। सीधे तौर पर आरोप साबित न होने के कारण शासन ने उनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की लेकिन एडी के पद से हाथ धोना पड़ा।
डॉ.प्रेमलता को एडी माध्यमिक का चार्ज देने के बाद नए निदेशक वासुदेव यादव ने निदेशालय में अधिकारियों की बैठक बुलाई। निदेशक ने चेतावनी दी कि शिक्षकों या अन्य कर्मचारियों की तरफ से निदेशालय में गड़बड़ियों की जानकारी मिली तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
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