क्या पुलिस ने बगैर मजिस्ट्रेटी आदेश के टीईटी अभ्यर्थियों पर भांजी थीं लाठियां
लखनऊ । टीईटी का रिजल्ट निरस्त नहीं किए जाने की मांग को लेकर मौन
जुलूस निकाल रहे अभ्यर्थियों पर आखिर किसके आदेश पर लाठी भांजी गई। पुलिस
अधिकारी इसे मजिस्ट्रेट के कहने पर किया गया बता रहे हैं जबकि प्रशासनिक
अफसरों का कहना है कि उन्होंने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया, पुलिस ने खुद ही
लाठी भांज दी। आला अफसर कहते हैं उन्हें जानकारी ही नहीं कि किसके कहने पर
लाठी चली जबकि मौके पर मौजूद अफसर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी मढ़ रहे हैं।
मंगलवार को सीएम अखिलेश यादव को ज्ञापन देने जा रहे टीईटी अभ्यर्थियों पर
पुलिस ने हुसैनगंज चौराहे पर पानी की बौछार के साथ लाठीचार्ज किया था,
जिसमें 25 युवक-युवतियां घायल हुए थे। मामले में गृह, पुलिस और जिला
प्रशासन के अधिकारियों से जब बात की गई तो सामने आया कि लाठीचार्ज के आदेश
किसी ने नहीं दिया। कानून-व्यवस्था के ऐसे किसी भी मौके पर लाठी या गोली
चलाने के आदेश मजिस्ट्रेट द्वारा ही दिए जाते हैं। बगैर मजिस्ट्रेटी आदेश
के पुलिस यह कदम नहीं उठा सकती लेकिन लखनऊ पुलिस के लिए शायद यह नियम मायने
नहीं रखते हैं।
किसने क्या कहा
•‘यह काम फील्ड में तैनात अफसरों का होता है। इसमें गृह विभाग की ओर से कोई निर्देश नहीं दिए जाते।’
-दीपक कुमार, गृह सचिव
• ‘मेरी जानकारी में नहीं है कि किसने आदेश दिए। मौके पर पुलिस व प्रशासन दोनों के ही अधिकारी मौजूद थे।’ - आशुतोष पांडेय, डीआईजी/एसएसपी
•‘मेरी जानकारी में तो लाठी के इस्तेमाल के आदेश नहीं दिए गए न मैंने दिए, न
किसी अन्य अधिकारी ने। लाठी का इस्तेमाल खुद ही किया होगा।’ - अनिल कुमार, एडीएम पूर्वी
•‘मौके पर मौजूद मजिस्ट्रेट ने ही आदेश दिए होंगे। चार घंटे से अधिक समय तक समझाने की कोशिश की गई, पर वे मान ही नहीं रहे थे।’ - विजय भूषण
अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी
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