समाजवादी
पार्टी के घोषणा पत्र में बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा पर
अब युवकों को नौकरी न सही पर भत्ते की उम्मीद बंधी है। वर्ष 2005 में
मुलायम सिंह सरकार में बेरोजगारों को छह माह की 500 रुपये प्रति माह के
हिसाब से एक किश्त मिली थी। इसके साथ ही सरकार बदली तो भत्ता भी बंद हो
गया। उस समय जिले में 2473 लोगों को भत्ता मिला था। वहीं, अधिकांश
बेरोजगारों का मानना है कि भत्ता नहीं, नई सरकार को नौकरी की व्यवस्था करनी
चाहिए। भत्ते से कुछ होना नहीं है।
रोजगार आफिस में 9 हजार रजिस्ट्रेशन
घोषणा पत्र बेरोजगारी भत्ते को देखते हुए अब सोमवार से रोजगार दफ्तर में पंजीकरण कराने वालों की भीड़ उमड़नी शुरू हो जाएगी। कारण है कि रोजगार कार्यालय में रजिस्टर्ड को ही भत्ता मिल सकेगा। रोजगार कार्यालय में अब तक नौ हजार बेरोजगारों का पंजीकरण है। रोजगार ऑफिस के अधिकारी अब इनकी समीक्षा कर आंकड़े ठीक करेंगे।
युवाओं की राय
-मुलायम सिंह यादव सरकार में वर्ष 2005 में छह माह के लिए पांच सौ रुपये प्रति माह के हिसाब से बेरोजगारी भत्ता मिला था।
धर्मेंद्र कुमार शर्मा, एमए बीएड
-दीपक से ज्यादा प्रकाश नहीं होता, बेरोजगारी भत्ते से गुजारा नहीं होता।
प्रेम कुमार, एमकॉम बीएड
-500 या हजार रुपये प्रति माह मिलने से क्या होगा। शादी हो गई दो बच्चे भी हैं। परिवार कैसे पले। नौकरी चाहिए।
मनोज कुमार, एमए बीएड
-भत्ते से किसी का भला नहीं होगा। रोजगार मिलना चाहिए। उम्मीद है नई सरकार रोजगार देगी।
प्रदीप कुमार वर्मा एमए बीएड
-बीएड के बाद टेट पास किया। गड़बड़ी करने वाले दोषियों को सजा मिले। टेट पास करने वालों को नौकरी दी जाए।
प्रवीन सक्सेना
-बीएड की डिग्री रोजगार परक है। जो ओवरएज हैं उन्हें सीनियारिटी के हिसाब से नौकरी मिले। भ्रष्टाचार खत्म हो।
अर्चना अग्रवाल डबल एमए बीएड
-बीएड बेरोजगारों की वर्ष वार नियुक्ति दी जाए। नई सरकार से नौकरी की उम्मीद है।
जितेंद्र कुमार पचौरी
-बीएड बेरोजगारों को नौकरी देना सरकार की जिम्मेदारी है। नई सरकार हमारा निवेदन सुनेगी।
रामअवतार प्रजापति बीएससी बीएड
-टेट पास कर चुके बेरोजगारों को नौकरी दी जाए, भत्ते से कब तक गुजर-बसर होगी।
विष्णु कुमार शर्मा एमएससी बीएड
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