अयाना के दिनेश मिश्र पत्नी साधना के साथ पंजीकरण के लिए जिला मुख्यालय पहुंचे थे। इनका कहना था कि जिला बनने के बाद 13 साल तक पंजीकरण व्यवस्था इटावा स्थित सेवायोजन कार्यालय के जिम्मे थी। कई बार वहां गये पर इटावा के अफसरों ने औरैया के बेरोजगारों को नजर अन्दाज ही किया अब यहां भी पंजीकरण कराने के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है। प्रशासन को कम से कम दर्जन भर काउण्टर स्थापित कर जल्द से जल्द सबके पंजीकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। बिधूना के 58 वर्षीय राजेंद्र सिंह साथी मोहन के साथ पंजीकरण स्थल से तीन सौ मीटर दूर तक लगी लाइन में शामिल थे थक हार कर वे अपना नंबर आने की उम्मीद में जमीन पर बैठ गये। राजेंद्र का कहना था कि भत्ता मिलने लगेगा तो बुढ़ापा शुकून से कटेगा और परिजन भी थोड़ी सेवा खुशामद शुरू कर देंगे। 42 वर्षीय शांती देवी ने बताया कि वे शनिवार को भी पंजीकरण कराने के लिए ककोर आयी थी लेकिन पांच घंटे तक लाइन में लगे रहने के बाद भी उनका नंबर नहीं आया। थक हार कर घर लौट गयी। सोमवार को भी उनके पंजीकरण की आस नहीं थी। कुछ इसी तरह की पीड़ा गीता ने भी जतायी उन्होंने कहा कि अब तक किसी सरकार ने उनकी सुध नहीं ली। दसवीं तक किसी तरह मुफलिसी में पढ़ाई लिखाई की पर नौकरी नहीं मिली अब सरकार ने भत्ता देने की बात कही है तो पंजीकरण कराने में मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। वे कहती है कि सबका पंजीकरण समय सीमा में सुनिश्चित किया जाये
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02 April 2012
Latest UNEMPLOYMENT News : औरैया : भत्ता नहीं रजिस्ट्रेशन तो कर लो साहब
अयाना के दिनेश मिश्र पत्नी साधना के साथ पंजीकरण के लिए जिला मुख्यालय पहुंचे थे। इनका कहना था कि जिला बनने के बाद 13 साल तक पंजीकरण व्यवस्था इटावा स्थित सेवायोजन कार्यालय के जिम्मे थी। कई बार वहां गये पर इटावा के अफसरों ने औरैया के बेरोजगारों को नजर अन्दाज ही किया अब यहां भी पंजीकरण कराने के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है। प्रशासन को कम से कम दर्जन भर काउण्टर स्थापित कर जल्द से जल्द सबके पंजीकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। बिधूना के 58 वर्षीय राजेंद्र सिंह साथी मोहन के साथ पंजीकरण स्थल से तीन सौ मीटर दूर तक लगी लाइन में शामिल थे थक हार कर वे अपना नंबर आने की उम्मीद में जमीन पर बैठ गये। राजेंद्र का कहना था कि भत्ता मिलने लगेगा तो बुढ़ापा शुकून से कटेगा और परिजन भी थोड़ी सेवा खुशामद शुरू कर देंगे। 42 वर्षीय शांती देवी ने बताया कि वे शनिवार को भी पंजीकरण कराने के लिए ककोर आयी थी लेकिन पांच घंटे तक लाइन में लगे रहने के बाद भी उनका नंबर नहीं आया। थक हार कर घर लौट गयी। सोमवार को भी उनके पंजीकरण की आस नहीं थी। कुछ इसी तरह की पीड़ा गीता ने भी जतायी उन्होंने कहा कि अब तक किसी सरकार ने उनकी सुध नहीं ली। दसवीं तक किसी तरह मुफलिसी में पढ़ाई लिखाई की पर नौकरी नहीं मिली अब सरकार ने भत्ता देने की बात कही है तो पंजीकरण कराने में मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। वे कहती है कि सबका पंजीकरण समय सीमा में सुनिश्चित किया जाये
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Satish Kumar Tiwari |
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