लखनऊ।
मुख्य
सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई हाई पावर कमेटी की बैठक
में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 को निरस्त किया जाने पर निर्णय
नहीं हो सका।
बैठक में यह तय किया गया कि रमाबाई नगर पुलिस को जांच के लिए टीईटी से
संबंधित जो भी दस्तावेज की जरूरत हो, उसे उपलब्ध करा दिया जाए। मुख्य
सचिव इस संबंध में फिर 18 अप्रैल को बैठक करेंगे। बताया जाता है कि इस
संबंध में रमाबाई नगर पुलिस की जांच रिपोर्ट को यदि आधार माना गया तो टीईटी
को निरस्त करने की संस्तुति की जा सकती है।
बैठक में सबसे पहले रमाबाई नगर की पुलिस की ओर से इस संबंध में की गई जांच रिपोर्ट रखी गई। रिपोर्ट के मुताबिक टीईटी में अंक बढ़ाने के लिए सुनियोजित तरीके से गिरोह बनाकर धांधली को अंजाम दिया गया। पुलिस को नई दिल्ली स्थित परीक्षा परिणाम बनाने वाली कंपनी एसके डेटा प्रिंटर के यहां छापेमारी के दौरान 4500 ऑसर शीट ऐसे मिले हैं जिसे फ्ल्यूड लगाकर अंक बढ़ाए गए हैं। जांच के दौरान धांधली के अन्य कई सुबूत भी मिले हैं। बैठक में तय किया गया कि टीईटी से जुड़े अन्य दस्तावेजों के साथ अधिकारियों को 18 अप्रैल को बुलाया जाए, इसके बाद कमेटी कोई निर्णय करेगी।
गौरतलब है कि मायावती सरकार ने यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी आयोजित कराने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा परिषद को दी थी। टीईटी रिजल्ट आने के बाद दिसंबर में अंक बढ़ाए जाने का खुलासा हुआ था। इस संबंध में रमाबाई नगर पुलिस ने तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार कर लिया था। टीईटी पास अभ्यर्थी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर इस संबंध में निर्णय लेने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि इस संबंध में न्याय संगत निर्णय किया जाएगा और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बना दी थी।
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