प्रवासी भारतीय सम्मेलन:अब तक 100 निवेशकों ने दिखाई रुचि
जयपुर।निवेश को लेकर प्रवासी भारतीयों की ओर से दिखाई जाने वाली रुचि और प्रो-एक्टिव होकर राज्यों द्वारा दी जा रही योजनाओं के लिहाज से अब भी राजस्थान 5वें स्थान पर है। पांच सालों में ओवरसीज इंडियन फैसिलिटेशन सेंटर (ओआईएफसी) के पास आ रही क्वेरीज से राजस्थान के बारे में यह स्थिति सामने आई है।
भास्कर डॉट कॉम से बातचीत में ओआईएफसी की चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर सुजाता सुदर्शन ने यह बात स्वीकार की। ओआईएफसी केंद्र सरकार और सीआईआई के साथ पीपीपी मोड पर वह बॉडी है जो प्रवासी भारतीयों को भारत में निवेश की राह दिखाती है।
यानी भारत के साथ प्रवासी भारतीयों को आर्थिक रिश्ते बनाने के लिए सहूलियत प्रदान करने वाली केंद्र की बॉडी है। यह बॉडी अपने वेब पोर्टल के साथ अन्य माध्यमों से प्रवासी भारतीयों से बात करती है और उन्हें विभिन्न राज्यों के साथ किए जाने वाले समझौतों और इंडस्ट्री को लेकर आने वाली समस्याओं का समाधान का रास्ता बनाती है।
सुजाता ने बताया, जयपुर में पीबीडी होने के कारण राजस्थान के अब तेजी से उभरने के आसार हैं, क्योंकि सम्मेलन को देखते हुए राज्य सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे प्रवासी भारतीयों में यहां के प्रति रुचि जागृत होने की संभावनाएं हैं।
गुजरात, कर्नाटक, पंजाब और केरल बड़े निवेश के लिए बड़ी रुचि के राज्य हैं, जहां के लिए सबसे अधिक क्वेरीज आती हैं। सुजाता ने बताया कि बड़े निवेशक तो केंद्र और राज्य सरकारों से सीधे ही बातचीत कर लेते हैं, लेकिन छोटे निवेशकों के सामने कई समस्याएं रहती हैं। पिछले चार सालों में इसी प्रकार के कम्युनिकेशन के कारण सवालों का रूप बदल गया है। अब ज्यादा सवाल वित्तीय समस्याओं को लेकर आ रहे हैं।
निवेशक ले रहे हैं रुचि
निवेश के प्रति रुचि के मामले में जयपुर में हो रहे पीबीडी सम्मेलन के दौरान दो दिन में लगभग 100 प्रवासी भारतीयों ने विभिन्न प्रकार से निवेश के प्रति रुचि दिखाई है। यह वही छोटे निवेशक हैं, जिन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों को माध्यम बनाने के लिए यहां राज्यों के पवेलियन में बने ओआईएफसी सेक्शन में इस प्रकार की इच्छा जताई और जानकारियां प्राप्त की। सेंटर का कहना है कि अंतिम दिन सौ से अधिक निवेशकों के आने की उम्मीद है।