मथुरा। इस वर्ष जिले में 182 एलटी धारक युवाओं को उच्चीकृत उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्थायी नियुक्ति मिल सकती है। अपग्रेडेशन की प्रक्रिया से विद्यालयों में शिक्षकों की आवश्यकता पड़ेगी और इसका सीधा लाभ युवाओं को मिल सकेगा।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत यूपी बोर्ड संबद्ध विद्यालयों की किस्मत तो चमकेगी ही बल्कि कई बेरोजगार भी मौके लाभ उठा सकेंगे। जिले में विद्यालयों के उच्चीकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। आठ जूनियर हाईस्कूल गत वर्ष अपग्रेड हो चुके हैं। इनमें कक्षा नौ और 10 में पढ़ाई के लिए फिलहाल अस्थायी रुप से जीआईसी विद्यालयों के दो-दो शिक्षकों को नियुक्त किया गया है
एक विद्यालय गत वर्ष उच्चीकृत किया गया है। साथ ही सात मॉडल स्कूलों की जिले को सौगात मिली है। भविष्य की बात करें तो 26 विद्यालयों के उच्चीकरण का प्रस्ताव शासन में प्रस्तावित है। इनमें से बड़ी संख्या में स्कूलों को अपग्रेडेशन की हरी झंडी मिलने की प्रबल संभावना है।
अगर ऐसा होता है तो बड़ी संख्या में शिक्षकों की आवश्यकता भी पड़ेगी। सूत्रों की माने तो एलटी ग्रेड में करीब 182 टीजीटी शिक्षकों की आवश्यकता इन विद्यालयों में होगी। अभियान के तहत वर्ष 2012 में जून तक उच्चीकृत विद्यालयों के भवन तैयार होने भी जरूरी हैं ऐसे में शिक्षकों की नियुक्तियां करनी पड़ेंगी। अभियान का यह हिस्सा शिक्षकों के भविष्य के लिए अच्छा संकेत लेकर आएगा।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत यूपी बोर्ड संबद्ध विद्यालयों की किस्मत तो चमकेगी ही बल्कि कई बेरोजगार भी मौके लाभ उठा सकेंगे। जिले में विद्यालयों के उच्चीकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। आठ जूनियर हाईस्कूल गत वर्ष अपग्रेड हो चुके हैं। इनमें कक्षा नौ और 10 में पढ़ाई के लिए फिलहाल अस्थायी रुप से जीआईसी विद्यालयों के दो-दो शिक्षकों को नियुक्त किया गया है
एक विद्यालय गत वर्ष उच्चीकृत किया गया है। साथ ही सात मॉडल स्कूलों की जिले को सौगात मिली है। भविष्य की बात करें तो 26 विद्यालयों के उच्चीकरण का प्रस्ताव शासन में प्रस्तावित है। इनमें से बड़ी संख्या में स्कूलों को अपग्रेडेशन की हरी झंडी मिलने की प्रबल संभावना है।
अगर ऐसा होता है तो बड़ी संख्या में शिक्षकों की आवश्यकता भी पड़ेगी। सूत्रों की माने तो एलटी ग्रेड में करीब 182 टीजीटी शिक्षकों की आवश्यकता इन विद्यालयों में होगी। अभियान के तहत वर्ष 2012 में जून तक उच्चीकृत विद्यालयों के भवन तैयार होने भी जरूरी हैं ऐसे में शिक्षकों की नियुक्तियां करनी पड़ेंगी। अभियान का यह हिस्सा शिक्षकों के भविष्य के लिए अच्छा संकेत लेकर आएगा।