मलपुरा : डाक विभाग की लापरवाही के चलते आगरा के सैकड़ों अभ्यर्थियों का शिक्षक बनने का ख्वाब धूल-धूसरित हो गया। तीन जनवरी को स्पीडपोस्ट किया गया आवेदन नौ जनवरी तक नहीं पहुंच पाया। डाक विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा आगरा जनपद के सैकड़ों अभ्यर्थियों को उठाना पड़ रहा है।
दरअसल प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग द्वारा आवेदन पत्र मांगे गये थे। आवेदन पहुंचने की अन्तिम तिथि 9 जनवरी निर्धारित थी। इस पर सैकड़ों अभ्यर्थियों ने 3 जनवरी को ही स्पीडपोस्ट कर दिया। लेकिन फार्म छह दिन में भी नहीं पहुंच पाये। सैकड़ों फार्म वापस लौट आये। जबकि स्पीडपोस्ट के नियमानुसार जैसा कि डाक विभाग के सूत्रों ने बताया, कि ऑलओवर इंडिया में अधिकतम चार दिन का समय निर्धारित है।
कबूलपुर निवासी धर्मवीर शर्मा, गांव बाद के विकास, रेखा, मंजू, गांव ककरारी के मनोज आदि का कहना है, कि उन्होंने 500 रूपये का ड्राफ्ट बनवाकर तीन और चार जनवरी को आवेदन स्पीडपोस्ट कर दिया था, लेकिन आवेदन पत्र सन्त कबीर नगर बलरामपुर, गोरखपुर, अम्बेडकर नगर आदि जगहों से फार्म वापस आ गये हैं। ऐसे सैकड़ों आवेदक हैं, जिनको डाक विभाग की लापरवाही कर खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
स्पीडपोस्ट पूरे भारतवर्ष में अधिकतम चार दिनों में पहुंचाये जाने का प्रावधान है। यह डाक विभाग की लापरवाही है, लेकिन आगरा से समय से ही आवेदन पत्र भेज दिये गये थे। अन्य जिलों में लापरवाही बरती गई है।
विभाग की क्षमता आठ से दस हजार तक की है, लेकिन साठ हजार से भी ज्यादा आवेदन पत्र हो गये, इसलिए स्पीडपोस्ट डम्प हो गई। मेरे पास कई छात्र आये थे, इसके लिए जहां लापरवाही हुई, वहां के लिए लिख दिया गया है, कि इनको दोबारा शामिल कर लिया जाए।
आरएस निगम, प्रवर डाक अधीक्षक, आगरा