इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन
बोर्ड ने अब तक प्रदेश के विभिन्न जिलों के पैनल सत्यापन में 60 फर्जी
शिक्षकों को पकड़ा है। इसमें से 30
शिक्षक फर्जी तरीके से समायोजन की ताक में थे, जबकि बाकी 30 शिक्षक बिना
परीक्षा, साक्षात्कार के फर्जी तरीके से नियुक्ति के प्रयास में थे। फिलहाल
40 से अधिक शिक्षकों के खिलाफ डीआइओएस द्वारा एफआइआर दर्ज करवाई जा चुकी
है, बाकी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। अभी भी कई जनपदों
के पैनल सत्यापन बाकी हैं, जिसमें कुछ और फर्जी शिक्षकों के पकड़े जाने की
उम्मीद है।
प्रदेश
में कई फर्जी शिक्षकों के पकड़े जाने के बाद माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन
बोर्ड ने पैनल सत्यापन की जांच कराने का फैसला किया था। जांच के लिए चार
सदस्यीय समिति गठित की गई थी। जांच समिति को 10 वर्षो में चयनित शिक्षकों
के पैनल का सत्यापन करना था। पैनल सत्यापन का काम बोर्ड ने 26 सितंबर से
शुरू कर दिया। इस जांच में सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों को 10
वर्षो में भेजे गए पैनल के साथ बोर्ड दफ्तर में आना था। कहा गया कि पैनल
संबंधित जिलों के जिलाविद्यालय निरीक्षक खुद लेकर आएंगे। साथ में एक
वरिष्ठ कर्मचारी भी होगा। विडंबना यह है कि लाख प्रयास के बावजूद भी अभी
तक सभी जिलों के पैनल सत्यापन नहीं कराए जा सके हैं। अभी तक के पैनल
सत्यापन में समायोजन के नाम पर मुरादाबाद में 9, बस्ती में 16 व मेरठ में 5
फर्जी शिक्षक पकड़े जा चुके हैं। ये शिक्षक विद्यालयों में समायोजन के
नाम पर फर्जी तरीके से नियुक्ति पाना चाहते थे, जबकि हाईकोर्ट ने भी
समायोजन पर रोक लगा रखी है। इनमें से कई ने ज्वाइन भी कर लिया है। बोर्ड
ने संबंधित जिला विद्यालय निरीक्षकों को फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर
दर्ज कराने को कहा है। इसी तरह प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी)व प्रवक्ता
(पीजीटी) के पदों पर भी 30 फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति का खुलासा हुआ है।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव शेषमणि पांडेय ने बताया कि फर्जी
नियुक्तियों के प्रदेश में अब तक 60 मामले प्रकाश में आ रहे हैं। एफआइआर
दर्ज कराए जाने के आदेश दिए जा चुके हैं।
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