इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में धांधली को लेकर चल रही जांच में कई मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) भी फंस गए हैं। आरोप है कि
जेडी स्तर के कई अधिकारियों ने टीईटी को नौकरी की गारंटी बताकर
अभ्यर्थियों से वसूली की और उनके नंबर बढ़वाने के लिए बोर्ड के बाबुओं पर
दबाव बनाया। माध्यमिक
शिक्षा निदेशक की गिरफ्तारी से पहले और बाद में पूछताछ के दौरान बाबुओं ने
जांच टीम को ऐसी कई और जानकारियां दी हैं। सूत्रों की माने तो बाबुओं ने
कई अधिकारियों का नाम जांच टीम को बताया है। संयुक्त शिक्षा निदेशकों के
साथ इस मामले में तीन उप शिक्षा निदेशकों और क्षेत्रीय कार्यालयों से जुड़े
आठ बाबुओं का नाम भी जुड़ा है। जांच टीम ने उनसे पूछताछ के लिए शासन से इजाजत मांगी है। अधिकारियों
की माने तो निदेशक ने भी कई अधिकारियों का नाम लिया है जिसके आधार पर
बोर्ड के कई अधिकारियों से लगातार तीन दिन से पूछताछ चल रही है। बाबुओं
ने जांच टीम को बताया है कि कुछ अधिकारियों ने ओएमआर शीट में जानबूझकर
गड़बड़ियां कराईं और नंबर बढ़ाने के लिए भारी रकम वसूली।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बसपा सरकार ने एनआरएचएम घोटाले की तरह ही अपने लोगों से टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) में करोड़ों का घोटाला कराया है। यह सरकार घोटाले और भ्रष्टाचारियों के नाम से चर्चित है। जनता की मेहनत की कमाई को हाथियों और पार्कों में लगाया गया।
अधिकारियों
ने टीईटी परिणाम को नौकरी की गारंटी के तौर पर प्रचारित किया। बाबुओं ने
पांच संयुक्त शिक्षा निदेशकों पर लगभग एक हजार अभ्यर्थियों से वसूली करने
और उनके नंबर बदलवाने का आरोप लगाया है। बाबुओं का दावा है कि उन्होंने ऐसा
करने से मना कर दिया तो अधिकारियों ने एजेंसी से नंबर बदलवाए। कम्प्यूटर
एजेंसी में मनमानी के कारण ही पांच दफे संशोधन करना पड़ा। बाबुओं की मानें
तो दोबारा संशोधन के बाद वेबसाइट पर सवालों के जवाब न देने का कारण भी यही
था। कुछ चुनिंदा रोलनंबर के सामने मनमाने अंक चढ़वा दिए गए, जिसे सही साबित
करना आसान नहीं था।
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