इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों के 55
करोड़ रुपये फंस गए हैं। ये पैसे बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा सहायक अध्यापकों
के पदों के लिए लिए गए आवेदन शुल्क के हैं, जिन्हें विभाग को अभ्यर्थियों
को वापस करने थे, पर अभी तक नहीं किए गए।
बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापकों के पदों पर शिक्षक पात्रतापरीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए थे। आवेदन करने के लिए अधिकतम पांच जिलों में आवेदन करने की छूट दी गई। इस फैसले के खिलाफसरिता शुक्ला व अन्य ने हाईकोर्ट मेंयाचिका दायर कर दी। अभ्यर्थियों का कहना था कि सभी जिलों में आवेदन करने की छूट दी जानी चाहिए।
इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा 12 दिसंबर 2011 कोदिए गए आदेश में
पांच जिलों से आवेदन की व्यवस्था को निरस्त कर दिया गया और कितने भी जिलों
से आवेदन करने की छूट दे दी। हालांकि जब तक हाईकोर्ट का आदेश आया अधिकतर
अभ्यर्थियों ने पांच जिलों में आवेदन कर दिया। आवेदनपत्र के साथ प्रत्येक
जिले में 500 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट लगाना था। इस तरह पांचों जिलों में
आवेदन करने के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी के 2500 रुपये खर्च हुए। हाईकोर्ट के
आदेश केबाद अभ्यर्थियों से कहा गया था कि जो अभ्यर्थी सभी जिलों में आवेदन
कर सकते हैं वे किसी एक जनपद के साथ लगाएगए डिमांड ड्राफ्ट की कॉपी लगाकर
आवेदन कर सकते हैं। बाकी चार जिलों के आवेदन शुल्क अभ्यर्थियों को वापस कर
दिए जाएंगे, पर अभी तक यह पैसे वापस नहीं हो पाए हैं। इधर, यह मामला
हाईकोर्ट में चला गया और टीईटी चयन प्रक्रिया पर रोक लग गई। ऐसे में डायटों
में भी काम ठप पड़ा है। अभी आवेदन पत्रों की छंटाई और डाटा फीडिंग का काम
अधूरा है। ऐसे में प्रत्येक अभ्यर्थियों का दो-दो हजार रुपया कब और किस तरह
वापस होगा इस पर संशय हैं। कोई विभागीय अधिकारी मामलेपर कुछ भी बोलने को
तैयार नहीं है। प्राथमिक स्तर में दो लाख 70 हजार सेअधिक अभ्यर्थियों ने
आवेदन किया था। इस तरह कुल अभ्यर्थियों का सरकार के पास लगभग 55 करोड़ रुपये
अनायास ही पड़ा है। कब वापस होगा कुछ नहीं पता। टीईटी अभ्यर्थी पैसा डूबने
की आशंका जता रहे हैं
बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापकों के पदों पर शिक्षक पात्रतापरीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए थे। आवेदन करने के लिए अधिकतम पांच जिलों में आवेदन करने की छूट दी गई। इस फैसले के खिलाफसरिता शुक्ला व अन्य ने हाईकोर्ट मेंयाचिका दायर कर दी। अभ्यर्थियों का कहना था कि सभी जिलों में आवेदन करने की छूट दी जानी चाहिए।
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